सर्दी की दस्तक आते ही माता-पिता बच्चों के सर्दी जुकाम की परेशानी से घबराने लगते हैं। सर्दी का मौसम है ही ऐसी कि किसी को भी, कभी भी अपनी गिरफ्त में ले लेता है। बड़े तो अपना ध्यान रख लेते हैं पर सर्दी बुजुर्गों और बच्चों पर अपना खासा प्रभाव दिखाती है। माता-पिता घबराएं नहीं, ध्यान दें कुछ बातों पर:-
दृसर्दी जुकाम होने पर बच्चे को स्टीम दें। दिन में 2-3 बार स्टीम देना बेहतर है। हर बार 5 मिनट तक स्टीम दें। जरूरत पड़ने पर डाक्टर के परामर्श अनुसार स्टीम वाले पानी में एक कैप्सूल भी डाल सकते हैं।
-अगर बच्चा छोटा है तो बेहतर होगा कि बच्चे को गोद में बिठाकर स्टीमर से स्टीम दें। बड़ों के साथ आवश्यकता होने पर स्वयं साथ में बैठें। अगर बच्चा सो रहा है तब भी स्टीमर चलाकर स्टीम दे सकते हैं ऐसे में बच्चे को अकेला न छोड़ें वरना उसके जलने का डर रहता है।
-अगर स्टीमर नहीं है या खराब है तो बाथरूम में गीजर द्वारा पानी गर्म कर लें, फिर बाथरूम बंदकर नल चला दें ताकि बाथरूम में बैठ में स्टीम भर जाए। टैप बंद कर बैठें ताकि पानी की गर्म छीटें आपको और बच्चे को नुकसान न पहुंचा सकें। बच्चे को टैप से दूर रखें।
-अगर स्टीम देने के बावजूद नाक बंद है और सांस लेने में मुश्किल है और डाक्टर ने परामर्श दिया है तो एस्पीरेटर (नाक साफ करने की मशीन) का प्रयोग कर सकते हैं। ध्यान दें हर इस्तेमाल के बाद साफ कर कुछ देर उबलते पानी में रखें ताकि इंफेक्शन न हो।
-सर्दी जुकाम होने पर बच्चों को तरल पदार्थ और पानी देते रहें। पानी और तरल पदार्थ ठंडा न हो। गुनगुना हो, इस बात का ध्यान रखें। बच्चों को सर्दियों में पानी देते रहें। पानी की मात्रा कम न करें।
-बच्चों को उचित गर्म वस्त्रों से ढककर रखें। शाम और प्रातः बाहर न निकलें। निकलना पड़े तो उन्हें सिर से पैर तक कवर करें।
-सर्दियों में बच्चों को जुकाम हो तो दो तीन दिन तक ठीक होने का इंतजार करें। दिन में 2-3 बार स्टीम दें और गुनगुना पानी दें। अगर बच्चा ठीक नहीं होता, खांसी भी करता है तो डाक्टर को अवश्य दिखाएं।