अधिकारी, मंत्री-विधायकों के निरीक्षण साबित हो रहे दिखावा
मथुरा। प्रदेश सरकार लगातार स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत है लेकिन जिले के महर्षि दयानंद जिला चिकित्सालय में स्वास्थ्य सेवाएं सुधरने का नाम नहीं ले रही है।आए दिन यहां सरकार को तोहमत लगाने वाली कोई ना कोई घटना सामने आ ही जाती है। यूं तो यहां जिले के आलाधिकारियों और विधायक-मंत्रियों के निरीक्षण का सिलसिला लगा रहता है लेकिन हालात जस के जस ही रहते है।अस्पताल प्रशासन की इसी प्रकार की उदासीनतापूर्ण कार्यशैली का एक उदाहरण उस समय देखने को मिला जब इमरजैंसी वार्ड में भर्ती एक मरीज जिसको ड्रिप लगी हुई थी अपने बैड से गिर गया। बतादें है कि उक्त मरीज को बुधवार को एक अज्ञात मरीज के रूप में इमरजेंसी में भर्ती कराया गया था। यहां उसका इलाज तो शुरू हुआ लेकिन उसके बाद उसे वहीं अकेला छोड़ दिया गया कुछ ही देर बाद वह मरीज जिसके ड्रिप लगी हुई थी अपने बिस्तर से नीचे गिर गया और तड़पने लगा। घंटों तक मरीज बैड से गिर कर तडफता रहा लेकिन उसको देखने वाला यहां कोई नही था। कुछ अन्य मरीजों की सूचना पर जब यहां मीडिया कर्मी पहुंचे और उन्होंने उसकी हालत देखी तो स्टाफ से कहा गया उसके बाद भी काफी देर बाद ही उस मरीज को नीचे से उठाकर बेैड पर लिटाया गया।
आखिरकार सवाल यह पैदा होता है कि क्या मानवीय संवेदनाएं बिल्कुल तहस-नहस हो चुकी है और वार्ड बॉय व नर्स जिनकी ड्यूटी इमरजेंसी वार्ड में लगाई जाती है आखिरकार वह क्या कर रहे हैं। आखिर इस जिला अस्पताल के इमरजैंसी वार्ड के हालात ऐसे है तो फिर सामान्य वार्डों में चिकित्सा कर्मियों द्वारा मरीजों की देखभाल किस प्रकार की जाती होगी सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। इस संबंध में प्रभारी सीएमएस अमिताभ पांडे ने कहा कि उनके संज्ञान में मामला आया है। जो मरीज है वह मानसिक रूप से पीड़ित है और उसे यहां नहीं रखना चाहिए लेकिन इसकी संस्तुति सिटी मजिस्ट्रेट द्वारा ली जाती है इसके कागज हमने तैयार कराकर वहां भेजे लेकिन फिर भी इस मामले की जांच कराई जाएगी जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई कराई जाएगी।