प्रिंस कुलश्रेष्ठ
मथुरा । जम्मू-पुंछ राष्ट्रीय राजमार्ग पर दो दिन पहले गुरुवार की दोपहर 12 बजे अखनूर के चुंगी मोड़ पर शिवखोड़ी धाम जाते श्रद्धालु की बस अनियंत्रित होकर खाई में गिर गई। हादसे में कई लोगों की मौत हो गई, जबकि कई गंभीर रूप से घायल हैं। शनिवार शाम को 11 शव अंडमान एक्सप्रेस ट्रेन से मथुरा जंक्शन पहुंचे। खबर मिली तो मृतकों के घरों में लोगों का जमावड़ा हो गया। घरवालों का रो रोकर बुरा हाल है। गांव के लोग परेशान परिजन को ढांढस बंधाते रहे। जम्मू के अखनूर हादसे में अलीगढ़, हाथरस, मथुरा के 22 लोगों की मौत हुई है। शनिवार शाम ट्रेन संख्या 16032 अंडमान एक्सप्रेस से 11 लोगों के शव शाम 6 बजकर 3 मिनट पर जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर आठ पर पहुंचे। सभी शवों को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच एंबुलेंस में रखवाया गया। फिर उन्हें अधिकारियों की निगरानी में गंतव्य के लिए रवाना कर दिया गया। अंडमान एक्सप्रेस से अलीगढ़ के नाया निवासी लक्ष्मण प्रसाद, अनामिका, रुद्र, नैना, सीमा देवी, समरजीत, अंजली, संजय, तनुज, सुरेश सिंह और सुनीता देवी के शव लाए गए। पुलिस अधिकारियों ने एक एक कर सभी शवों को नीचे उतरवाया। इस दौरान जंक्शन पर रेल यात्रियों की भीड़ जुट गई। एक के बाद एक 11 शव देखकर लोगों की आंखें नम हो गई। अलीगढ़ से आए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी शवों को अपने साथ लेकर रवाना हुए। शव मथुरा आने की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने प्रतिनिधि के तौर कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी मथुरा जंक्शन पर पहुंच गए। उनके साथ डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह, एसएसपी शैलेश पांडे पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मौजूद रहे। सभी शवों को सकुशल अलीगढ़ और हाथरस से आए अधिकारियों के साथ मृतकों के परिजनों को सुपर्द किए गए।
जम्मू हादसे में नाया अलीगढ़ निवासी अंजली की मौत हुई है। अंजली ने नगला बरी जाबरा मांट निवासी भानु प्रकाश से पहली पत्नी के रहते हुए दूसरी शादी की थी। अंजली का 10 साल का बेटा है। जो इन दिनों ननिहाल में हैं। भानु प्रकाश ने बताया कि अंजली 22 मई को अपने मायके नाया अलीगढ़ गई थी। बेटा यश भी उसके साथ गया था। वहां से अंजली अपने ताऊ सुरेश और तैयेरे भाई संजय के साथ उसे बिना बताए वैष्णो देवी के दर्शन करने चली गई। बेटे यश को ननिहाल में छोड़ गई। उन्हें बहन प्रेमवती ने मेरठ से फोन कर हादसे की जानकारी दी। भानु प्रकाश, अंजली के शव को अपने साथ ले जाना चाहते थे लेकिन अंजली के भाई गजेंद्र ने इस बात का विरोध किया। मामला उलझते देख अधिकारियों ने अंजली के शव को गजेंद्र के साथ अलीगढ़ के लिए रवाना कर दिया।
बताया जा रहा है कि हादसे का शिकार हुए सभी लोग अलीगढ़ और हाथरस के रहने वाले हैं। अधिकांश लोग आपस में एक दूसरे के परिचित हैं। सभी एक साथ बस से सफर करने के लिए निकले थे लेकिन इनमें से 22 लोगों का ये सफर आखिरी सफर साबित हुआ। इस हादसे की याद आते ही घायल सिहर उठते हैं। उन्हें यकीन नहीं हो रहा है कि वो मौत के मुंह से बाहर निकल आए हैं। जिलाधिकारी शैलेंद्र सिंह ने कहा कि सभी शवों और घायलों को पुलिस की निगरानी में गंतव्य के लिए रवाना कर दिया गया है। हादसा बहुत दुखद है। जब की हादसे में जनपद के 14 महिला पुरुष और बच्चे घायल है। जिनका जम्मू के अस्पताल में इलाज चल रहा है।