नई दिल्ली । यात्रियों को रेलवे अब बड़ी राहत देने की तैयारी कर रहा है। यदि कोई टिकट बुक करता है और वह वेटिंग में दिखा रहा है तो कैंसल होने के बाद भी पूरा रिफंड नहीं मिलता है। इसकी वजह होती है कि रेलवे क्लर्क फीस के तौर पर कुछ पैसा काट लेता है। यह चार्ज अलग-अलग क्लास के मुताबिक 30 से 60 रुपए तक होता है। इससे यात्रियों डबल झटका लगता है। एक तरफ उनका टिकट कन्फर्म नहीं होता तो दूसरी तरफ रिफंड भी कटकर मिलता है। अब ऐसी स्थिति से लोगों को बचाने के लिए रेलवे इस फीस को खत्म करने पर विचार कर रहा है।
कैंसल टिकटों पर भी लगने वाले चार्ज पर लंबे समय से बहस चल रही है। अलग-अलग क्लास के हिसाब से यह चार्ज 30 से 60 रुपए कटता है। इस पर आम लोग कई बार शिकायत करते रहे हैं कि आखिर जिन टिकटों को हम खुद कैंसल नहीं कराते और वेटिंग सूची में होने के चलते रद्द होते हैं, उन पर रेलवे क्यों पैसा काटता है। अब इस चार्ज को खत्म करने का प्रस्ताव रेलवे के समक्ष रखा गया है, जिस पर विचार चल रहा है।
फिलहाल 2एस क्लास के कैंसल टिकट 30 रुपए का चार्ज लगता है। 60 रुपए स्लीपर क्लास का चार्ज है और थर्ड एसी समेत अन्य सभी पर 60 रुपए प्लस जीएसटी वसूला जाता है। यह फीस तब लगती है, जब टिकट की बुकिंग आईआरसीटीसी के पोर्टल से की जाए। वेटिंग सूची वाला टिकट कन्फर्म न होने पर टिकट कैंसलेशन की प्रक्रिया ऑटोमेटेड होती है और क्लर्क चार्ज के अलावा कुछ अन्य शुल्क काटकर रकम वापस मिलती है। बता दें फाइनेंशियल ईयर 2025 में रेलवे को रिकॉर्ड 2.7 लाख करोड़ रुपए की कमाई हुई है। यह इजाफा मालवाहक ट्रेनों और यात्री ट्रेनों से हुआ है। इसके अलावा रेलवे के यात्रियों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। रेलवे को माल ढुलाई से 1.75 लाख करोड़ का राजस्व मिला। इसके अलावा य़ात्रियों की संख्या 735 करोड़ रही।
बता दें रेलवे को टिकट कैंसलेशन चार्ज से भी बड़ा राजस्व मिलता है। एक आरटीआई के जवाब में दी गई जानकारी से पता चला कि रेलवे ने 2020 से 2023 के दौरान 4 सालों में अकेले टिकट कैंसलेशन चार्ज से ही 6 हजार करोड़ का राजस्व हासिल किया। इस डेटा के सामने आने के बाद से वेटिंग सूची टिकट के कैंसल होने पर कटने वाले चार्ज को लेकर सवाल उठने लगे थे।