मथुरा (राजपथ मथुरा ब्यूरो)। बीएसए महाविधालय के विधि विभाग में भारतीय दण्ड प्रक्रिया संहिता का विधि व्यवसाय में महत्व विषय पर एक अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया। विधि विद्यार्थियों के लिए आयोजित कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अशोक चैतन्य तथा मुख्य अतिथि बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉ. देवेंद्र शर्मा उपस्थित रहे। मुख्य वक्ता तथा प्राचार्य डॉ. ललित मोहन शर्मा एवं विधि विभाग के अध्यक्ष प्रो. सुनील कुमार राय के द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। व्याखान दो सत्रों में चला। प्रथम सत्र में मुख्य वक्ता ने मूल विधि तथा प्रक्रिया विधि के बारे में विस्तार से चर्चा की। बताया कि मूल विधि तो हक एवं अधिकार को बताती है लेकिन उसे कैसे प्राप्त करें इसके लिए प्रक्रिया विधि का ज्ञान एवं समझ आवश्यक है। दण्ड प्रक्रिया की समझ आपराधिक न्याय प्रणाली में एक महत्व पूर्ण भूमिका निभाती है उनका मानना था कि विधि व्यवसाय में न्याय प्राप्त करने हेतु मूल विधि तथा प्रक्रिया विधि दोनों की समझ आवश्यक है। दूसरे सत्र में उन्होंने विधि व्यवसाय से जुड़े छात्रों के लिए विधि व्यवसाय के विभिन्न क्षेत्रों में कहां कहां अवसर प्राप्त होंगे इस पर भी विस्तार से चर्चा की। मुख्य अतिथि डॉ. शर्मा ने विधि विभाग में छात्र-छात्राओं हेतु नव निर्मित शौचालय का उद्घाटन किया। इस अवसर पर डॉ. बी जी शर्मा डॉ. ए के सिंह डा. वी पी राय डॉ. अमित श्रीवास्तव डॉ. जे के सिंह डॉ. प्रकाश अग्रवाल डा. रेखा राय डा. पारूल सिंह डॉ. लावण्या कौशिक डॉ. प्रकृति डॉ. चंचल डॉ. राशिद खान डॉ. सचिन डॉ. वीना ऋतु साहनी आदि मौजूद रहे।