मथुरा । योगीराज श्री कृष्ण की नगरी में पुलिस ने वह काम कर दिखाया जो अपनों ने नहीं किया। मृतक भाई की संपत्ति के लालच में झगड़ रहे बहन भाई की बजाय एक दरोगा ने मुखाग्नि देकर योगीराज में पुलिस कार्यों की बेमिसाल सुंदर छवि बनाई है। जिला प्रशासन और पुलिस विभाग ने मिलकर परिवार में विवाद को समाप्त करने की भरसक कोशिश की परंतु जब विवाद नहीं सुलझा तो यह काम खुद पुलिस ने अपने हाथों में लिया और विधि विधान के साथ मृतक अधिवक्ता का अंतिम संस्कार किया।
बीती 19 जनवरी को अधिवक्ता अशोक चौधरी पुत्र स्व. ओमकार चौधरी निवासी द्वारिकापुरी थाना कोतवाली की मृत्यु बीमारी के कारण हो गई थी। स्व अशोक की तीन बहनों और एक भाई के मध्य अंतिम संस्कार को लेकर विवाद हो रहा था। वकील साहब की पत्नी से तलाक हो चुका था और इनके बच्चे भी नहीं थे। बहन और भाई दोनों ही पक्ष केवल स्वयं ही अंतिम संस्कार करना चाह रहे थे जिससे विवाद की स्थिति बन रही थी । चर्चा हैं कि
इसके पीछे उनकी संपत्ति हासिल करने की चाह थी।
सिटी मजिस्ट्रेट और एसडीएम सदर ने भी दोनों को मिलकर मृतक अधिवक्ता के अंतिम संस्कार की सलाह दी पर वो लोग किसी भी हालत में मानने को तैयार नहीं थे फिर इन लोगों ने एक समझौता पत्र दिया जिसमें लिखकर दिया कि मृतक अधिवक्ता अशोक चौधरी का अंतिम संस्कार किसी धार्मिक संस्था से कराया जाए। 21जनवरी को दिन में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेश पाण्डेय के आदेशानुसार कोतवाली पुलिस ने धार्मिक संस्थाओं की मदद से मृतक अधिवक्ता का पूर्ण विधि विधान से अंतिम संस्कार किया। इसमें इनके परिजनों और निकट संबंधियों की मौजूदगी में मुखाग्नि चौकी इंचार्ज कृष्णानगर एसआई विक्रांत तोमर ने दी। पुलिस दरोगा द्वारा की गई इस सामाजिक कार्य की समूचे ब्रज क्षेत्र में प्रशंसा की जा रही है।