मथुरा। नन्दोत्सव की सांयकाल से प्रारंभ हुई वर्षा ने दो दिन में मथुरा-वृंदावन में सभी व्यवस्था ध्वस्त कर दी है । जगह जगह जलभराव होने से लोगों को जाम का सामना करना पड़ा उनको पानी के बीच से ही निकलना पड़ा। जल भराव के कारण कई क्षेत्रों में तो विद्युत आपूर्ति ठप्प पड़ी हुई है । बरसाती जल की निकासी के लिए नगर आयुक्त अनुनय झा दिन भर अधिकारियों को निर्देश देते देखे गए। श्री कृष्ण की नगरी में दो दिन से रूक-रूक कर हो रही बारिश ने विकास की पोल खोल कर रख दी है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रतिदिन दर्शन करने के लिए आते हैं। श्रद्धालु नए बस स्टैंड से ही विभिन्न स्थानों के लिए निकलते हैं लेकिन आप बारिश के बाद ही देख सकते हैं कि किस प्रकार से सड़क नाले में तब्दील हो गई हैं। बारिश के कारण हुए जलभराव से सबसे ज्यादा दिक्कत वाहन चालकों को हुई क्योंकि बारिश के कारण सड़कों पर जल भराव हो गया जिसकी वजह से वाहन निकालने में परेशानी का सामना करना पड़ा।
हम बात कर रहे हैं दो दिन तक महानगर क्षेत्र में हुई अनवरत बरसात की। लगातार हुई वर्षा से शहर के डेंपियर नगर में म्यूजियम के पास , नए बस स्टैंड़, बीएसए कॉलेज, पुराना बस स्टैंड, नानक नगर, भूतेश्वर तिराहा, भैंस बहोरा, महोली रोड के अलावा वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर मार्ग सहित कई इलाकों में जलभराव देखने को मिला। यहां मंदिर के मुख्य द्वार की तरफ जाने वाले प्रमुख मार्ग पर बारिश के कारण पानी भर गया। सड़क पर भरे पानी के बीच से श्रद्धालु गुजरते नजर आए। छोटे छोटे बच्चे अपने आप को बारिश से बचाने को पन्नी का सहारा ले कर बचाते नजर आ रहे थे। यहां इस मार्ग 6 इंच से ज्यादा पानी सड़क पर भरा हुआ नजर आया। साथ ही पत्थरपुरा, चुंगी चौराहा आदि एक दर्जन स्थानों पर बुरी तरह पानी भर गया। बारिश के कारण बिजली सप्लाई भी ठप्प हो गयी। यह हाल तब है जब यहां पूरे शहर में लाइट अंडर ग्राउंड है।
बेहतर लाइट सप्लाई का दावा करने वाले दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम मथुरा वृंदावन में मामूली बारिश होते ही लाइट सप्लाई कट कर देते हैं जिसकी बजह से स्थानीय नागरिकों को खासी दिक्क्तों का सामना करना पड़ रहा है। सीवर की भी हालत बुरी तरह से खराब रही। ड्रेनेज सिस्टम प्रकृति के कोप के आगे बेबस नजर आया। लोग विद्युत आपूर्ति फेल होने व भरे हुए बरसाती पानी के कारण बेहद परेशान नजर आए। इन सभी स्थानों पर नगर निगम के कर्मचारी अपने कार्यों को बेहतर ढंग से काम करते नजर आए। इसके पीछे वजह थी नगर आयुक्त उन्होंने जहां इस काम की खुद मॉनिटरिंग कर रहे थे। जहां-जहां कि उन्हें सूचना मिल रही थी। वहां कर्मचारी भेज कर स्थिति को सुधारने में वह स्वयं लगे हुए थे।