अगरतला । शादी समारोह में आम लोगों से अभद्र व्यवहार करने वाले पश्चिम त्रिपुरा के जिलाधिकारी शैलेश यादव की आफत आ गयी है भारी आलोचना होने पर उन्होंने माफ़ी मांग ली है। सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा के पांच विधायकों ने प्रदेश के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर उनके खिलाफ कार्यवाही की मांग की है। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद डीएम शैलेश यादव ने माफी मांग ली है। डीएम ने कहा कि उनका मकसद किसी को अपमानित करने का नहीं था बल्कि लोगों के भले के लिए ऐसा किया। मुख्यमंत्री कार्यालय ने सूचना दी कि मुख्यमंत्री बिप्बब कुमार देब ने इस घटना को लेकर मुख्य सचिव मनोज कुमार को एक रिपोर्ट समिट करने का आदेश दिया है। कई दिन से पश्चिम त्रिपुरा के जिलाधिकारी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वो एक शादी हॉल पर छापेमारी कर रहे हैं जहां कोरोना के नियमों की अनदेखी की जा रही है। इस वीडियो में जिलाधिकारी शैलेश यादव काफी गुस्से में नजर आ रहे हैं और हॉल में मौजूद पुलिसकर्मियों को डांट लगा रहे हैं। वीडियो में जिलाधिकारी ने पुलिसकर्मियों को निर्देश दिए कि वो दुल्हा और दुल्हन के समेत पूरी भीड़ को हॉल से बाहर निकाले और सभी लोगों को गिरफ्तार करने की भी बात कही। यूपी के अम्बेडकर नगर निवासी डीएम शैलेश यादव ने कहा कि इन लोगों के खिलाफ नाइट कर्फ्यू और महामारी आपदा कानून के तहत मामला दर्ज होना चाहिए। यही नहीं डीएम यादव ने वहां मौजूद पुलिसकर्मियों पर आरोप लगाया कि वो प्रशासन को सहयोग नहीं दे रहे हैं। वीडियो में शैलेश यादव यह कहते हुए नजर आते हैं कि वो सरकार से पूर्व अगरतला पुलिस स्टेशन के प्रभारी की शिकायत करेंगे और उन्हें निलंबित करने की सिफारिश करेंगे। इस दौरान उन्होंने पंडित को सर पर थप्पड़ भी मारा। पूरे देश में डीएम के इस व्यवहार की कटु आलोचना हो रही है।
सोशल मीडिया पर तेजी से वीडियो के वायरल होने के बाद लोगों ने जिलाधिकारी के रवैये के खिलाफ सवाल उठाने शुरू कर दिए। यूजर्स ने इस वीडियो पर कमेंट करते हुए जिलाधिकारी के रवैये की निंदा की और कहा कि प्रशासन को सिर्फ आम लोग ही दिखते हैं कार्रवाई के लिए, नेता नहीं। इधर मंगलवार को जिलाधिकारी शैलेश यादव ने शादी रुकवाने के लिए माफी मांग ली है और कहा कि उनका उद्देश्य किसी की भावना को आहत करना नहीं था। पश्चिम त्रिपुरा की सांसद और भाजपा नेता प्रतिमा भौमिक ने कहा कि वो दुल्हन के रिश्तेदारों से मिलने जाएंगी और उनसे घटना के बारे में पूर्ण जानकारी लेंगी। इस घटना की नेता प्रतिपक्ष मणिक सरकार ने निंदा की और उम्मीद जताई कि सरकार आईएएस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि यह जिला मजिस्ट्रेट के पद पर बैठे व्यक्ति के लिए सही नहीं है। मैं इस घटना की निंदा करता हूं और आशा करता हूं कि सरकार जिला मजिस्ट्रेट के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करेगी।
कांग्रेस उपाध्यक्ष तापस डे ने कहा कि मैरिज हॉल में जो कुछ भी हुआ, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण था। प्रशासनिक पद पर बैठे ऐसे व्यक्ति को इस तरह का व्यवहार नहीं करना चाहिए। सरकार को इस पर गौर करना चाहिए। इतना ही नहीं बीजेपी के पांच विधायकों आशीष साहा, सुशांत चौधरी, रामप्रसाद पाल, दिबाचंद्र हरंगखवेल और आशीष दास ने भी आईएएस अधिकारी को हटाने की मांग की।