कल लगने वाले छप्पन भोग एवं फूलबंगला की तैयारियों हुई पूर्ण
अनुज सिंघल
फरह। कस्बा फरह का थाने वाला शिव मन्दिर अपने आप में एक अलौकिक दिव्य शक्ति समेटे हुये है। मन्दिर में विराजमान स्वतः प्राकट्य प्राकृतिक शिवलिंग दर्शनार्थियों का मन मोह लेता है। प्राचीन काल में इसे कचहरी वाला मन्दिर भी कहा जाता था। मान्यता है कि पूर्व में यहां शिवलिंग के सामने ही कचहरी लगती थी। लोग अपने पाप पुण्य अच्छे बुरे कर्मों का हिसाब यहीं करते थे। शिव लिंग के सामने ही गलत सही के फैसले हो जाया करते थे। करीब 250 वर्ष प्राचीन इस शिव मन्दिर के जीर्णाद्धार का कार्य सभी नगरवासियों के सहयोग से पिछले वर्ष ही समाप्त हुआ। पुलिस प्रशासन एवं कस्बे और क्षेत्र के लोगों के सहयोग से एक भव्य शिव मन्दिर थाना फरह के परिसर में स्थापित है।
शिव मन्दिर पर प्रत्येक महाशिवरात्रि पर पिछले 26 वर्षों से विशाल छप्पन भोग एवं फूल बंगला का आयोजन किया जाता रहा है जिसमें पूरे मन्दिर परिसर एवं थाना परिसर को फूलो से संजाया जाता है। भगवान शिव को छप्पन भोग अर्पित किये जाते हैं। पूरे वर्ष में मन्दिर में तीन कार्यक्रम मुख्य रुप से किये जाते हैं जिनमें महाशिवरात्रि हरियाली तीज श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पर्व मुख्य हैं। वर्तमान में श्री भोलेबाबा समिति रजि. इस मन्दिर के रखरखाव और देखरेख की जिम्मेदारी उठाये हुये है।
समिति के अध्यक्ष रामभरोसी सिंघल ने बताया कि इस बार महाशिवरात्रि 11 मार्च को मन्दिर में अलौकिक फूलबंगला एवं विशाल छप्पन भोग का आयोजन किया जा रहा है। सायंकाल से देर रात्रि तक रंगारंग झांकियों का कार्यक्रम किया जायेगा।