जयपुर । राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के निर्देश पर भजनलाल सरकार के कार्यकाल की पहली वर्षगांठ पर प्रदेश के सभी जिलों में पंच-मुखी विकास को बढ़ावा देने के लिए पंच-गौरव को प्रोत्साहन देने का नवीन कार्यक्रम शुरू किया जायेगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक जिले में एक उपज, एक वानस्पतिक प्रजाति, एक उत्पाद, एक पर्यटन स्थल एवं एक खेल पर विशेष रूप से फोकस करते हुए पंच-गौरव कार्यक्रम प्रारम्भ किया जा रहा है। प्रत्येक जिले के लिए इन श्रेणियों में चिह्नित इन पांच तत्वों को जिले के पंच-गौरव के रूप में जाना जाएगा।
राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य होने के नाते यहां के अलग-अलग जिलों में अलग-अलग प्रकार की भौगोलिक परिस्थितियाँ हैं। इस कारण यहां अलग-अलग तरह की उपज पैदा होती है एवं अलग प्रकार की वनस्पति पाई जाती हैं। इसी प्रकार राज्य के विभिन्न जिलों में अलग-अलग प्रकार के खनिज प्रकार की उपलब्धता है एवं अलग-अलग उत्पाद बनाए जाते हैं। राज्य में प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में पर्यटक विभिन्न जिलों में स्थित पर्यटक स्थलों को देखने के लिए भी आते हैं। इसी प्रकार विभिन्न जिलों के निवासियों में कुछ खेल विशेष रूप से लोकप्रिय हैं।
मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप इन जिलों के सर्वांगीण विकास एवं उपलब्ध संभावनाओं के आधार पर आर्थिक गतिविधियों एवं रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए प्रत्येक जिले में कम से कम एक उपज, एक वानस्पतिक प्रजाति, एक उत्पाद, एक पर्यटन स्थल एवं एक खेल पर विशेष रूप से ध्यान देते हुए यथा अनुरूप इनके प्रोत्साहन, संरक्षण एवं विकास की गतिविधियां चलाई जाएंगी। उदाहरण के तौर पर धौलपुर जिले में स्किम्ड मिल्क पाउडर उत्पादन और आलू की फसल, बारां जिले में सोयाबीन प्रोसेसिंग और लहसुन उत्पादन को इस योजना में शामिल किया जाएगा।
राज्य स्तर पर एक जिला-एक उपज के लिए कृषि विभाग, एक जिला-एक प्रजाति के लिए वन विभाग, एक जिला-एक उत्पाद के लिए उद्योग विभाग, एक जिला-एक पर्यटन स्थल के लिए पर्यटन विभाग तथा एक जिला-एक खेल के लिए खेल विभाग नोडल विभाग के रूप में कार्य करेंगे। प्रत्येक जिले के जिला कलक्टर इन विभागों के साथ समन्वय बनाते हुए इस कार्यक्रम का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करायेंगे।