अनुज सिंघल
फरह। सम्पूर्ण विश्व के सामने परखम के अनुसंधान केन्द्र गाय की उपयोगिता का वैज्ञानिक प्रमाण देगा। यह अनुसंधान केन्द्र मानव जीवन में गाय की महती उपयोगिता पर एक नई पटकथा लिखेगा। यह उद्गार संघ प्रमुख मोहन भागवत ने लोकार्पण कार्यक्रम में व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संकट का उपाय गाय ही है। भारत की परम्परा लेकर देना है हमें प्रकृति इतना सब देती है तो हमें उसे दुगना वापस करने की कोशिश करनी चाहिये और गाय पाल कर हम ऐसा कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि देशी गाय के दूध की महिमा आज सबको माननी पडी है जैसे जैसे हम प्राचीन मूल्यों की ओर बढ रहे है वैसे ही धीरे धीरे भारत वर्ष भी उठ खडा हो रहा है। यहां होने वाले अनुसंधान विश्व के सामने गाय की उपयोगिता प्रमाण के साथ प्रदर्शित करेंगे और सतत प्रयास से हमें ये लक्ष्य प्राप्त होगा। जैसे राम मन्दिर बनने में 30 साल तक लगातार सतत प्रयास हुये तब कही जाकर प्रयास सार्थक हुये ऐसे ही यह लक्ष्य भी काफी बडा है मगर प्रयास से हमें लक्ष्य हासिल होगा।
इससे पूर्व संघ प्रमुख गऊग्राम परखम पहुंचे संघ प्रमुख ने दीनदयाल गौ विज्ञान अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्र के मुख्य भवन एवं प्रशासनिक भवन का लोकार्पण किया। इसके साथ ही दीनदयाल बुनकर केन्द्र एवं बायो गैस प्लाण्ट का लोकार्पण भी किया। हंस फाउन्डेशन के अध्यक्षा मंगला माता ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारतीय संस्कृति का मूल आधार गाय है। सरकार के अलावा हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी भी गाय की रक्षा करना है। कैंसर जैसे असाध्य रोगों के इलाज में पंचगव्य की महत्ता पर अनुसंधान सम्पूर्ण मानव को एक नई उम्मीद देगा। संघप्रमुख ने पंचगव्य के पाठ्यक्रम की पुस्तकों का विमोचन भी किया। युवाओं के मार्गदर्शन एवं गौ की उपयोगिता बताने के लिये गोदान फिल्म के पोस्टर का विमोचन भी किया गया। परखम में जन्मे संघ के पदाधिकारी गिर्राज ताऊजी की स्मृति में गिर्राज गौशाला का शुभारम्भ भी किया गया। इस अवसर पर हंस फाउण्डेशन की अध्यक्षा मंगला माता, साध्वी ऋतम्भरा संघ पदाधिकारी शंकरलाल एवं दीनदयाल कामधेनु गौशाला समिति के अध्यक्ष महेश गुप्ता एवं मंत्री हरीशंकर शर्मा के साथ कई साधु संतजन एवं अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहे।