दर्जनों शिकायतें मिलने के बाद भी एक्शन में नही आ पा रहा नगर निगम प्रशासन
मथुरा। मथुरा-वृन्दावन नगर पालिकाओं के साथ ही समीपवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों को मिलाकर बनी मथुरा-वृन्दावन नगर निगम अपने गठन के साथ ही दोनों पालिका के क्षेत्रों में तो विकास कार्यों की झडी लगाने पर अमादा है मगर निगम के विभिन्न वार्डों में शामिल हुए उक्त ग्रामीण क्षेत्रों को लेकर आज भी उदासीन नजर आ रही है। इसे संबन्धित वार्ड के पार्षद की लापरवाही कहें या फिर नगर निगम प्रशासन की दोयम नीति का परिणाम। इन ग्रामीण क्षेत्रों के वाशिंदें स्वयं को ठगासा महसूस कर रहे है। नगर निगम के जिन ग्रामीण क्षेत्रों में अभी तक विकास की राह दिखाई नहीं दी है उसमे वार्ड नंबर 37 का सौंख रोड स्थित सलेमपुर गांव भी है जहां गली-मौहल्लों में ओवर फ्लो होती नालियों के पानी से लवालव मार्गों पर लोगों का पैदल निकलना मुश्किल है पूरा रास्ता कीचड़ में तब्दील है क्षेत्र के लोगो का कहना है कि नगर निगम के तीन साल का कार्यकाल पूरा हो जाने के बाद भी क्षेत्रीय पार्षद गांव के लोगो कि समस्याओं का समाधान नहीं करा पाए हैं।
स्थानीय लोग नारकीय जिंदगी जीने को मजबूर हैं सलेमपुर के रहने वाले सूरज नाहर, मनोज चौधरी, योगेश नाहर, पवन नाहर, कन्हैया नाहर, जगत नाहर, राम नाहर, सुदामा नाहर, रामभगत नाहर, नेत्रपाल काका, अजय नाहर, करन नाहर, अभिषेक नाहर, समाजसेवी हरवीर नाहरवार ने बताया कि सलेमपुर मार्ग पर कोइ राहगीर पैदल नहीं निकल सकता है सड़के ताल तालियां बनी हुई है रास्ते में जलभराव ओर कीचड़ से काफी लोगो के हाथ पैर टूट चुके है वाहन भी फिसलते रहते है कई बार नगर निगम कार्यालय जाकर स्थानीय लोगों द्वारा नगरायुक्त/महापौर अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन भी सौंपा गया है पर इस ओर कोइ अधिकारी ध्यान नहीं दे रहा है। सलीपुरवासियों द्वारा उक्त समस्या को लेकर स्थानीय विधायक ठाकुर करिंदा सिंह को तीन साल में काफी बार यहां की सड़कों के बारे में बताया जा चुका है पर विधायक ने कोइ समाधान नहीं किया है। ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा को भी इन समस्या के बारे में ज्ञापन दिया जा चुका है मगर किसी के भी द्वारा यहां के नागरिकों को राहत प्रदान नही की गयी है।