लखनऊ। लखनऊ समेत विभिन्न जिलों में खासकर पश्चिम उ प्र के अधिकांश जिलों में बेहिसाब संपत्ति बनाने लोगो पर आयकर विभाग की तिरछी नजर हो गयी है। पिछले 16 वर्षों में बड़ी खरीद फरोख्त करने वालों का ब्यौरा तलब किया गया है। सूत्रों के अनुसार प्रतिबंधित बेनामी संपत्ति ट्रांजेक्शन एक्ट में होगी जांच । खुद या कंपनी के नाम 1000 वर्ग मीटर से ज्यादा जमीन खरीदने वाले जांच के दायरे में लिए गए है।
आयकर आयुक्त ने जनवरी 2008 से नवंबर 2024 तक खरीदारों की सूची मांगी है जिसमे कई मंत्री, विधायक, अफसर, बिल्डर, उद्यमियों पर कसेगा शिकंजा। जानकारी उपलब्ध न कराने वालों पर लगेगा जुर्माना। दूसरे के नाम जमीन खरीदने वाले भी जांच के दायरे में आएंगे।
रिश्तेदार या नौकरों को भी बताना होगा की जमीन खरीदने का पैसा कहां से आया। आयकर विभाग की बेनामी संपत्ति इकाई ने डीएम, प्राधिकरणों के वीसी और आवास आयुक्त से मांगा है विवरण। लखनऊ, नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, बरेली, कानपुर, वाराणसी, मथुरा, अलीगढ़, बुलंदशहर, मुरादाबाद आदि जिलों पर खास फोकस किया जा रहा है।