प्रयागराज । प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में आईआईटियन बाबा अभय सिंह भी खूब वायरल हो रहे हैं। जिन्होंने आईआईटी मुंबई से इंजीनियरिंग की है। आईआईटियन बाबा अभय सिंह जूना अखाड़े के संत सोमेश्वर पुरी के जरिए महाकुंभ पहुंचे हैं। इस बीच, गुरु को लेकर कही गईं अभय सिंह की बातों से जूना अखाड़ा भड़क गया है। अखाड़े ने ऐक्शन लेते हुए अभय को अपने यहां से निष्कासित कर दिया है। हालांकि, अभय सिंह का कहना है कि वह किसी भी अखाड़े के सदस्य नहीं हैं।
बता दें कि आईआईटी बाबा अभय सिंह को जूना अखाड़े के सोमेश्वर पुरी महाकुंभ लेकर आए थे। सोमेश्वर पुरी वाराणसी स्थित जूना अखाड़े के संत हैं और उनकी मुलाकात अभय सिंह से वाराणसी में ही हुई थी। अभय सिंह कभी खुद को शिव बताते थे तो कभी कृष्ण। इसके बाद सोमेश्वर सिंह अभय सिंह को महाकुंभ ले आए। वहीं अखाड़े के शिविर से निकाले जाने का आईआईटियन बाबा ने खंडन की है। उनका कहना है कि लोगों को उनकी लोकप्रियता रास नहीं आ रही है और उन्हें डर है कि मैं कोई राज उजागर नहीं कर दूं। उन्होंने कहा कि उन्होंने किसी को अपना गुरु नहीं बनाया है।
जानकारी के अनुसार, जूना अखाड़ा के मुख्य संरक्षक महंत हरि गिरि ने कहा, अभय सिंह का कृत्य गुरु-शिष्य परंपरा और संन्यास के सिद्धांतों के खिलाफ है। गुरु का आदर नहीं करना सनातन धर्म और अखाड़े के प्रति अनादर को दिखाता है। जूना अखाड़े में अनुशासन काफी मायने रखता है और कोई भी अनुशासन से ऊपर नहीं है। फिर चाहे वह मैं हूं या अभय सिंह ही क्यों न हो। जूना अखाड़े का दावा है कि उन्होंने सिंह को अपने अखाड़े से बाहर कर दिया है। अखाड़े के हरि गिरि ने आगे कहा कि अखाड़े के सभी लोगों को अनुशासन मानना चाहिए, लेकिन अभय सिंह ने अपने गुरु के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करके नियमों का उल्लंघन किया है। उन्होंने कहा, सिर्फ गुरु ही नहीं, बल्कि किसी भी साथी के खिलाफ बोलने की अनुमति नहीं है। इसी के चलते अखाड़े की अनुशासन समिति ने उन्हें निष्कासित करने की सिफारिश की। जूना अखाड़े के प्रमुख ने साफ किया है कि अभय सिंह की अखाड़े में तब तक एंट्री बैन रहेगी, जब तक वह अपने गुरु का सम्मान करना नहीं सीख लेते।