विपिन अग्रवाल
कराहरीः कस्बा स्थित प्राचीन दाऊजी मन्दिर में चल रही सप्त दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के पहले दिवस बैण्ड-बाजों के साथ कस्बा में कलश यात्रा निकाली गई । लोगो ने कलश यात्रा में बड़ चड़ कर भाग लिया पहले दिन कथा व्यास श्रीराजेशनन्दन महाराज ललिता आश्रम बृन्दावन बालो ने अपनी मधुर वाणी से श्रवण कराते हुए कहा कि हमारा जो मन है वो बड़ा मेला है इसको साफ़ करने के लिए तीन चीजों की आवश्यकता पड़ती है। तेज-अग्नि, वारी-जल, मृदा-मिटटी । महापुरुषों का कहना है की अग्नि ऐसी वैसी नहीं विरह अग्नि चाहिए भगवन की याद की विरह। वारी मतलव जल, साधारण जल से यहां काम नहीं चलेगा जल होना चाहिए आपकी आँखों में, भगवान की याद में रोना। मृदा यानि मिटटी, मिटटी या तो होनी चाहिए ब्रज की (ब्रज रज) या फिर गुरु के चरणों की रज को माथे पर लगाना चाहिए तभी जाके मन का मेल दूर होगा मन साफ़ होगा। कथा व्यास ने बीच बीच में भजन सुनाकर श्रोताओं को मत्रमुग्ध कर दिया। आयोजकों ने आरती उतारकर सभी लोगो को प्रसाद वितरण किया।