न्याय नही मिलने पर पीड़ित परिवार ने दी आत्मदाह की चेतावनी
मथुरा। नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक में बुधवार को सनसनी खेज हंगामा उस समय हो गया जब एक परिवार ने बैठक में मौजूद मेयर डा. मुकेश आर्य बन्धु पर बीस लाख रू. की रिश्वत मांगने का आरोप की झडी लगा दी। उनके आरोप सुनकर नगर आयुक्त समेत सभी अधिकारी एवं पार्षद हक्के-बक्के रह गये। बमुश्किल हंगामा करते पीड़ित परिवार को नगर आयुक्त ने मामले की जांच के लिए कमेटी बनाने का आश्वासन देते हुए वहां से रवाना किया।
नगर निगम कार्यकारिणी के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ जब किसी ने सार्वजनिक स्तर पर मेयर की मौजूदगी में रिश्वत लेकर अन्यायपूर्ण कार्य करने का आरोप लगाया है। पीड़ित परिवार की सदस्य शिल्पी पाल का कहना है कि हमारे साथ न्याय नही हुआ तो उनके परिवार के नौ सदस्य मेयर के आवास पर आत्म हत्या कर लेंगे।
बताया जाता है कि शहर के होलीगेट के समीप आर्य समाज रोड़ पर कृष्णा होटल के नीचे कृष्णा टेलर्स की दुकान है। वर्तमान में इस दुकान पर मालिकाना हक लख्मीचंद पाल पर है। यहाँ की दो दुकान में से पूर्व मालिक पूरन चन्द खाट वालों ने डेढ दुकान वैध जी ज्वैलर्स को दे दी। बची आधी दुकान में किशन चन्द पाल के पुत्र लख्मी चन्द सिग्मी किरायेदार है। सभी दुकानें इस मार्केट में नगर निगम की है। आरोप है कि वैध जी ज्वैलर्स के स्वामी ने उनकी आधी दुकान अपने नाम कराने के लिए महापौर को तीस लाख रू. दिए। पीड़ित परिवार को जब इसकी जानकारी हुई तो वह मेयर के पास पहुंचे तो मेयर ने उनसे कहा या तो बीस लाख रू. मुझे दे दो या 15 लाख रू. लेकर दुकान खाली कर दो। मेयर की दोनों बातों को मानने से पीड़ित परिवार ने इंकार कर दिया उसका कहना था कि न तो देने के लिए उनके पास 20 लाख रू. है और ना ही वह दुकान खाली करने के नाम पर 15 लाख रू. लेंगे क्योंकि दुकान से ही परिवार के नौ सदस्यों का जीवन यापन होता है। बताते है इसके पश्चात मेयर ने वैध जी के पक्ष में कोई कागज जारी कर दिया। जिसकी जानकारी मिलते ही आज पीड़ित परिवार सभी सदस्यों के साथ भूतेश्वर स्थित जलकल कम्पाउण्ड पहुंच गया वहां आज निगम की कार्यकारिणी की बैठक चल रही थी। परिवार ने वहां पहुंचकर मेयर पर सनसनी खेज आरोप लगाये तो सभी भौंचक्के रह गये।

बताया जाता है कि एक योजना निकली थी जिसमें सिग्मी किरायेदार 20 प्रतिशत धनराशि जमा कर दुकान अपने नाम करा सकता है। निगम की दुकान नं. 8 के लिए लख्मीचंद पाल ने दो लाख 52 हजार रू. जमा कर दिए। इस मामले में मेयर ने 6 बार पीड़ित को बुलाकर धमकाया कि अपनी दुकान वैध जी ज्वैलर्स को दे दो। धमकी दी कि नही मानोगे तो सामान फिकवा दूंगा, जेल भिजवा दूंगा। 65 साल से ये दुकान उनके पास है।
समाचार लिखे जाने तक बैठक चल रही थी। मेयर और नगर आयुक्त से मामले की जानकारी का प्रयास किया गया लेकिन फोन नेटवर्क खराब होने के कारण मिल नही सका। चर्चाओं के अनुसार वैध जी ज्वैलर्स द्वारा आधी दुकान हथियाने का प्रयास पूर्व पालिकाध्यक्ष मनीषा गुप्ता के समय से किया जा रहा है। उस समय एक होटल स्वामी और एक पार्षद ने रिश्वत लेकर मदद करने का प्रयास किया लेकिन अपरिहार्य कारणों से काम नही हो पाया। अब इस मामले में पुनः मदद कैबिनेट मंत्री के एक भांजे और दो नामित पार्षदों ने की जिन्होंने मेयर पर काम करने का दबाव बनाते हुए सैटिंग की है। बहरहाल आज इस मामले ने प्रदेश की योगी सरकार की साख पर तो बट्टा लगा ही दिया है वरन ईमानदार नैतिकता की परछाई कही जाने वाली भारतीय जनता पार्टी की छवि पर भी दाग लगा दिया है। पीड़ित लक्ष्मी चन्द के परिवार में पत्नी विमला देवी, पुत्री शिल्पी पाल, पुत्र जितेन्द्र पाल, बहु पूजा पाल सहित चार छोटे-छोटे बच्चे है।
कार्यकारिणी की बैठक में उपसभापति राधाकृष्ण पाठक, पार्षद तिलकवीर सिंह, रश्मि शर्मा, उमेश भारद्धाज, राजवीर सिंह चौधरी, मीरा मित्तल, चन्दन आहुजा, कुलदीप चौधरी आदि शामिल रहे।