मथुरा। कोतवाली पुलिस ने विभिन्न राज्यों के शैक्षणिक बोर्ड की फर्जी मार्कशीट/टी.सी. और अन्य शैक्षिक प्रमाण पत्र बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने गैंग का मुखिया सहित पांच लोगों को गिरफ्तार कर इनके कब्जे से कई फर्जी मार्कशीट, टी.सी. अन्य शैक्षिक प्रमाण पत्र एवं प्रयुक्त इलैक्ट्रानिक उपकरण बरामद किये है।
बुधवार को पुलिस लाइन सभागार में आयोजित पत्रकार वार्ता में डीआईजी/एसएसपी शैलेश पांड़े ने बताया कि कोतवाली पुलिस टीम ने चैकिंग के दौरान विभिन्न राज्यों के शैक्षणिक बोर्ड की फर्जी मार्केशीट बनाने वाले गिरोह का सरगना मनीष प्रताप सिंह उर्फ माँगेराम पुत्र रामकिशन लखनऊ, मुकेश पुत्र देवी सिंह निवासी ग्राम चुरमुरा थाना फरह सुरेश चन्द्र पुत्र बिजेन्द्र सिंह निवासी बसई थाना शेरगढ़ ऋषि पुत्र हरिओम निवासी ग्राम दलौता थाना शेरगढ़ रामप्रकाश गौतम पुत्र सत्यप्रकाश गौतम निवासी पुष्प बिहार कालोनी थाना गोविन्दनगर को बजरंग धर्मकांटा के पास बने मकान से गिरफ्तार किया गया जबकि मौके से इनका एक अन्य साथी विक्रम सिंह पुत्र नवल सिंह निवासी बसई शेरगढ़ भागने में सफल रहा।
डीआईजी ने बताया गैंग सरगना मनीष प्रताप सिंह द्वारा अलग अलग राज्यों के शिक्षा बोर्डों व विश्व विद्यालयों के नाम से फर्जी मार्कशीट व टी.सी. व अन्य शैक्षिक प्रमाण पत्र बनाने का कार्य कर रहा था। मंगलवार को कोतवाली पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली की शहर में फर्जी मार्कशीट बनाने वाले गिरोह का एक सदस्य गोवर्धन चौराहे पर किसी ग्राहक की तलाश में खड़ा है इस सूचना पर कोतवाली पुलिस द्वारा गोवर्धन चौराहे से शातिर मुकेश को गिरफ्तार किया जिसके कब्जे से 02 फर्जी मार्कशीट व 01 मोबाइल फोन बरामद हुआ। जब पुलिस ने मुकेश से कड़ाई से पूछताछ की तो उसने बताया कि हमारा फर्जी मार्कशीट बनाने का गिरोह है हम लोगों ने बजरंग धर्मकांटा के पास एक निजी मकान किराये पर ले रखा है जिसमें पूरा फर्जी मार्कशीट बनाने का सैटअप लगा रखा है तत्पश्चात कोतवाली पुलिस द्वारा बजरंग धर्मकांटा के पास बने मकान में छापा मारा और मौके से सभी को पकड़ लिया। गैंग का सरगना द्वारा अलग अलग राज्यों के शिक्षा बोर्डों व विश्वविद्यालयों के नाम से फर्जी मार्कशीट व टी.सी. व अन्य शैक्षिक प्रमाण पत्र कम्प्यूटर पर साफ्टवेयर के माध्यम से बनाने का कार्य कर मोटी रकम वसूलता है।
बताया गया कि कुछ दिन पूर्व में यही काम अपने साथियों के साथ लखनऊ में कर रहा था लेकिन पुलिस द्वारा साथियों को पकड़ लिया गया था और गैंग सरगना में मौके से फरार हो गया था। ये गैंग भोले भाले युवाओं की तलाश कर संपर्क स्थापित करके सम्बन्धित विश्वविद्यालयों और शिक्षा बोर्डों से अलग-अलग रेट तय कर वार्षिक दर से फर्जी शिक्षा प्रमाण पत्र अंकतालिका टी.सी. तैयार करते थे। इस कार्य के लिए प्रत्येक युवा से 01 फर्जी मार्कशीट अंकपत्र के लिए के लिए 5,000 से 45,000 तक की रकम बसूलते थे। जिसका आधा हिस्सा ये लोग यूनिवर्सिटी को भी देते थे। वार्ता में सीओ सिटी भूषण वर्मा, प्रभारी निरीक्षक देवपाल पुंडीर मौजूद रहे।