मथुरा। सिखों के दसवें गुरू गुरूगोविन्द सिंह के परिवार की शहादत को आज भी इतिहास की सबसे बड़ी शहादत माना जाता है। छोटे साहिबजादों का स्मरण आते ही सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है और सिर श्रद्धा से झुक जाता है। इस शहादत पर देश और विदेशों में 20 दिसम्बर से 27 दिसम्बर तक शहीदी सप्ताह दिवस के रूप में मनाया जाता है।
महा नगर के गुरूद्वारों में भी शहीदी सप्ताह दिवस श्रद्धाभाव के साथ मनाया जा रहा है। गुरूद्वारा गुरूनानक बगीची मसानी, गुरूद्वारा राधा नगर, गुरूद्वारा कृष्णानगर, गुरूद्वारा केशोपुरा, गुरूद्वारा धौलीप्याऊ, कुटिया कृष्णानगर सभी गुरूद्वारों में नामजप सिमरन, कीर्तन, श्री अखण्ड पाठ साहिब का पाठ, अरदास होती है। जहॉं सिखों के इतिहास की सबसे बड़ी शहादत को नमन कर याद किया जाता है।
वीर बाल दिवस पर गुरूवार को प्रदेश के गन्ना विकास एवं चीनी मिल मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी होलीगेट स्थित गुरूद्वारा गुरू तेग बहादुर साहिब में पहुॅंचे जहॉं उन्होंने श्रीगुरूग्रन्थ साहिब के समक्ष माथा टेका और गुरू गोविन्द सिंह के साहिबजादों एवं सिख शूरवीर सपूतों के लिए अरदास की। उन्होंने कहा कि सिखों की शहादत को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। इनके द्वारा किये गये कार्य देश व समाज के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। गुरूद्वारे में संगत द्वारा शहीदी सप्ताह में चल रही मीठे दूध की सेवा में राहगीरों को गर्म दूध भी पिलाया।
वहीं गुरूद्वारा राधा नगर में भी मीठे गर्म दूध की स्टाल लगायी गयी। गुरूद्वारा प्रधान रघुवीर सिंह ओवराय ने बताया कि गुरूद्वारा में शहीदी सप्ताह के अन्तर्गत रोज गर्म दूध की स्टाल लगाई जाती है और साथ में शबद कीर्तन अरदास के उपरान्त लंगर प्रसाद वितरित होता है।
होलीगेट स्थित गुरूद्वारा गुरू तेग बहादुर साहिब के सेवादार बलविन्दर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 26 दिसम्बर को वीर बाल दिवस घोषित किये जाने पर कहा कि गुरू गोविन्द सिंह जी के छोटे साहिबजादों जोरावर सिंह उम्र 8 वर्ष एवं फतेह सिंह उम्र 5 वर्ष एवं उन वीर सपूतों को जो जंग के मैदान में शहीद हुए को श्रद्धांजलि देने का दिन है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि गुरूद्वारा सरहिन्द फतेहगढ़ साहिब उसी स्थान पर है जहॉं वीर साहिबजादों ने अन्तिम सांस ली थी।
कार्यक्रम में योगेन्द्र सिंह फौजदार (ग्राम प्रधान संगठन के जिला अध्यक्ष), रनवीर सिंह (अध्यक्ष पराग डेरी), अनीस कुमार चाहर (सरपंच), पप्पू महाराज, राजवीर सिंह, राजेन्द्र सिंह, हरपाल सिंह काले, सत्यपाल सिंह शन्टी, तरवीर सिंह, देवेन्द्र सिंह, आशीष, मंगल सिंह, अमरजीत कौर, तेजपाल कौर, मन्जीत कौर, प्राजकता भाटिया, अरूण सिंह भाटिया, रिन्कू, महेन्द्र सिंह चावला, हरपाल सिंह भाटिया आदि मौजूद रहे।