वृन्दावन। भागवताचार्य रसिक बिहारी विभू जी के श्रीमुख से कुम्भ मेला क्षेत्र में भागवत की रसधार बह रही है। देश के अलग अलग क्षेत्रों से आए भक्त भाव विभोर होकर कथा का श्रवण कर रहे हैं। कथा का शुभारंभ उत्तर प्रदेश व्यापारी कल्याण आयोग के अध्यक्ष रविकान्त गर्ग ने दीप प्रज्जवलन कर किया। इस मौके पर रसिक बिहारी विभू महाराज ने श्री गर्ग को आर्शीवाद देते हुए कहा कि भगवान उन्हें इतनी शक्ति दे कि वे देश व प्रदेश की जनता की और अधिक सेवा कर सकें। कथा के दूसरे दिन उन्होंने सती कथा का सजीव वर्णन करते हुए कहा कि बिना बुलाए जाने पर व्यक्ति का अपमान ही होता है। उन्होंने प्रवचन में कहा कि किस प्रकार राजा परीक्षित को एक ब्राम्हृणद्रोही होने से श्राप लग गया कि राजा सातवे दिन मृत्यु को प्राप्त हो जाएगा। परीक्षित के भय और संसार के समस्त कष्टो के निवारण के लिए शुकदेव महाराज ने श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण कराया जिससे परीक्षित को मुक्ति प्राप्त हो गई। उन्होंने बताया कि किस प्रकार सृष्टि का निर्माण हुआ और धरती जल वायु पवन को बनाया। उन्होंने जन जन के कल्याणकारी चतुलोकी भागवत की व्यख्या की एवं सांख्य शास्त्र का वर्णन करते हुए बताया कैसे मानव देह का निर्माण होता है। कैसे मानव संसार के मोह में फंसकर नर्क और अनेक लोको की यात्रा करता है। भागवत श्रवण के उपरान्त लोगों ने उनसे आशीर्वाद लिया।