मथुरा। विश्व की सबसे छोटी पुंगनूर गाय अब मथुरा की वात्सल्य ग्राम की कामधेनु गौशाला में आ गई है। इस प्रकार की गाय अब तक मथुरा की किसी गोशाला के पास नही थी।
इस नश्ल की गाय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी किसी ने भेंट में दी थी। वात्सल्य ग्राम की अधिष्ठात्री साध्वी ऋतंभरा ने बताया कि पुंगनूर गाय विश्व की सबसे छोटी प्रजाति की गाय है । जिस प्रकार हरियाणा में पाई जानेवाली गाय का नाम हरियाणा नश्ल पड़ा उसी प्रकार यह दक्षिण भारत के आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के पुंगनूर शहर में पाई जाती है इसलिए इस गाय का नाम इसके शहर पुंगनूर पर पड़ा है।
इस गाय की औसत लंबाई दो से ढाई फीट तक होती है इसके दूध में अन्य गायों की अपेक्षा अधिक फैट होता है। अन्य की अपेक्षा इसका दूध अधिक पौष्टिक होता है, इसका मूत्र एवं गोबर बेचकर लोग व्यापार भी करते हैं। किन्तु धीरे-धीरे अब यह नश्ल विलुप्त होने के कगार पर है, वात्सल्य ग्राम में पहले से ही भारतीय नस्लों गायों की श्री कामधेनु गौशाला स्थापित है।
वात्सल्य ग्राम के जन संपर्क अधिकारी उमाशंकर राही ने बताया कि स्वर्ण कपिला गाय एवं पुंगनूर गाय की गौशाला का अलग से निर्माण किया गया है। जिसमें तीन स्वर्ण कपिला एवं पांच पुंगनूर नस्ल की गाय हैं। इन गायों को पालने का मुख्य उद्देश्य इनका संरक्षण और संवर्धन करना है।गायों के गोशाला में भेजने के पहले उनका विधिवत पूजन किया गया तथा आरती भी उतारी गई।गायों को बहुत करीने से सजाया भी गया है।
गोशाला का उद्घाटन करते हुए संजय ने कहा कि वात्सल्य ग्राम में यह पहली गौशाला है जो दीदी मां ऋतंभरा के इच्छा पर निर्मित की गई है पुगनूर गाय का दूध अन्य गायों की अपेक्षा अधिक पौष्टिक होता है, इन गायों का दूध वात्सल्य ग्राम में रह रहे बच्चों के बल एवं बुद्धि बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगा।