मथुरा। जनपद में फसलों के अवशेषों को जलाये जाने से रोकने हेतु जिलाधिकारी द्वारा राजस्व ग्रामवार क्षेत्रीय कर्मचारियों की ड्यूटी लगायी गयी है परन्तु 14 अक्टूबर तक कुल 38 घटनाओं के कारण मथुरा प्रदेश में सर्वाधिक पराली जलाने वाले जनपदों में तीसरे स्थान पर है।
मुख्य विकास अधिकारी मनीष मीना के अनुसार पराली कूड़ा-करकट जलने की घटनाओं से स्पष्ट प्रतीत होता है कि सम्बन्धित क्षेत्रीय कर्मचारियों द्वारा अपने आवंटित कार्यक्षेत्र में फसल अवशेष प्रबंधन हेतु कोई ठोस प्रयास नहीं किये गये है जिस कारण जनपद की छवि धूमिल हुई है। समस्त सम्बन्धित कर्मचारियों का घटना की तिथि का वेतन अग्रिम आदेशों तक अवरूद्ध करते हुए आदेशित किया जाता है कि भविष्य में अपने कार्यक्षेत्र में उपस्थित रहकर पराली प्रबन्धन का कार्य कुशलतापूर्वक करना सुनिश्चित करेगें अन्यथा की दशा में अनुशासनात्मक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
पराली जलाने से रोकने के लिए सुधीर गोयल ग्रापअ अरविन्द कुमार लेखपाल महेश बाबू शर्मा लेखपाल धनेन्द्र कुमार लेखपाल रामेश्वर दयाल भारद्वाज लेखपाल अजय लेखपाल बृजेश पाराशर ग्राविअ सतीश कुमार लेखपाल पवन कुमार लेखपाल मनोज कुमार लेखपाल कमलसिंह लेखपाल अजय लेखपाल काली चरन लेखपाल कृष्णवीर सिंह लेखपाल ललितेश पांचाल लेखपाल योगेश श्यामल लेखपाल आकाश कुमार ग्राविअ सुधीर गोयल ग्रापंअ सुधीर गोयल ग्रापंअ राजेश कुमार द्वितीय ग्राविअ हेमेन्द्र सिंह लेखपाल हरवीर सिंह लेखपाल सतीश चन्द टीएसी नरेन्द्रपाल सिंह टीएसी विकास उपाध्याय ग्राविअ अजीतसिंह लेखपाल विन्द सारस्वत लेखपाल मौ. सलीम लेखपाल शिवकुमार लेखपाल तथा वीरीसिंह लेखपाल की डियूटी लगाई गयी है।