मथुरा। अब महानगर में नगर निगम के सफाई कर्मचारी कूड़े को लेकर शिकायत का फर्जी निस्तारण नहीं कर सकेंगे। उन्हें छह घंटे के दौरान हर हाल में कूड़े की समस्या का निराकरण करना होगा। यह निस्तारण भी शिकायतकर्ता को मोबाइल एप के माध्यम से मिला ओटीपी मौके पर जाकर लेना होगा। इसे एप पर दर्ज किए जाने के बाद ही शिकायत एप से हट सकेगी।
मथुरा वृंदावन नगर निगम प्रशासन ने धार्मिक नगरी होने के नाते आने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए सफाई कार्य को लेकर अनेक सुधारात्मक कदम उठाए हैं। इसमें निजी कंपनियों की मदद भी ली जा रही हे। इसी के तहत डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन किया जा रहा है।
नगर आयुक्त शशांक चौधरी ने बताया कि धार्मिक नगरी मथुरा वृंदावन की सफाई में गुणात्मक सुधार हो रहा है। अब कोई भी व्यक्ति टोल फ्री नंबर 7017175994 पर या सुविधा एप के माध्यम से सफाई को लेकर शिकायत और संबंधित कूड़ा स्थल का फोटो अपलोड कर सकता है। इसका छह घंटे में निस्तारण किया जाएगा।
टोल फ्री नंबर या एप पर शिकायत करने पर शिकायतकर्ता को ओटीपी मिलेगा जिसे शिकायत निस्तारित करने वाले कर्मचारी को बताना होगा। इस ओटीपी के बगैर शिकायत एप से नहीं हटेगी। यह भी तब संभव होगा जब सफाई कर्मचारी मौके पर पहुंचकर शिकायत का निस्तारण कराएगा। यह ओटीपी भी शिकायतकर्ता सफाई कार्य होने पर ही बताएगा। इससे शिकायत के निस्तारण में कोई हीला-हवाली नहीं होगी। एप की मॉनिटरिंग उच्च अधिकारियों द्वारा की जायेगी।
84 डलाबघर खत्म, 20 अंडरग्राउंड डस्टबिन बनेंगे
नगर आयुक्त शशांक चौधरी ने बताया कि नगर निगम की सफाई व्यवस्था में 84 डलाब घर अब खत्म कर दिए गए हैं। इसमें अधिकांश डलाब घर सड़क किनारे थे। इन्हें पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है। इसके अलावा 20 स्थानों पर अंडरग्राउंड डस्टबिन लगाने का फैसला किया गया है। इसमें सबसे ख़ास बात यह रही कि आर्य समाज रोड से बंगाली घाट की और जाने वाले मार्ग पर बीसियों साल से बने डलाबघर को हटाकर वहा लोगो पार्क विकसित किया जा रहा है। इसी मार्ग से बड़ी संख्या में तीर्थ यात्री यमुना जी के स्नान दर्शन को जाते है।
1.62 लाख घरों तक पहुंचा कूड़ा कलेक्शन
नगर आयुक्त शशांक चौधरी ने बताया कि वर्तमान में 262 वाहनों से 1.62 लाख घरों से कूड़ा एकत्रित किया जा रहा है। पूर्व में यह व्यवस्था 85 वाहनों से 78 हजार घरों तक सीमित थी। उन्होंने बताया कि कूड़ा कलेक्शन भी अलग अलग श्रेणी में किया जाता है। मंदिरों के फूल आदि अलग वाहन से, जबकि निर्माण संबंधी अलग वाहन से एकत्रित किया जाता है। घरों के लिए अलग वाहन लगाए गए हैं।