छप्पन भोग की शयन आरती में भक्तों के बही अश्रुधारा
भक्तों का उत्साह भारी पड़ा , बारिश में भी नहीं डिगे कदम
गोवर्धन। गिरि गिर्राज तलहटी में हुए प्रभु की मनोहारी आभा से दूर होने का वक़्त आया और देर रात्रि 1 बजे जब गिरिराज प्रभु को सुलाने के लिये शयन आरती “नैनन में नींद भर आयी मेरे प्रभु के” गायी गई तो आभास हुआ कि प्रभु ने द्वापरयुग की छप्पन भोग लीला को फिर दोहरा कर इंद्र का मान मर्दन कर भक्तो की लाज रखी है और प्रभु को अब शयन भी करने जाना है तो भक्तों के नयनों से भी अश्रुधारा बहने लगी। प्रभु के प्रेम में सराबोर भक्तों को अब इस आभा से दूर होने का समय जो आ गया था।
रजत रत्नों से जड़े रथ में विराट स्वरूप में सभी ग्रहों के साथ विराज रहे प्रभु की शयन आरती में लोग उमड़ पड़े। छप्पन भोग दर्शनों के लिए देर रात तक श्रद्धालु उमड़ते रहे जिसकी वजह से शयन आरती के बाद दर्शन बंद करने को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी !
गिरिराज सेवा समिति के संस्थापक मुरारी अग्रवाल शयन आरती करते समय भावुक हो उठे। गोवर्धन की गिरि तलहटी में हुए छप्पन भोग के छप्पन भोग महोत्सव में शास्त्रीय संगीत की स्वर लहरियां और भक्तों के उमड़े सैलाब के बीच छप्पन भोग महोत्सव सम्पन्न हो गया।
समिति के अध्यक्ष दीनानाथ अग्रवाल ने बताया कि इस तरह ये छप्पन भोग प्रसाद करीब दो लाख लोगों तक पहुँच जाएगा।
शयन आरती से पूर्व गिरिराज प्रभु को केसर के अधौटा दूध का प्रसाद लगाया गया। समिति के अध्यक्ष दीनानाथ अग्रवाल महामंत्री अशोक कुमार आढ़ती संरक्षक राजेन्द्र सर्राफ भगवान दास खंडेलवाल दिनेश सादाबाद मुख्य संयोजक राघवेंद्र गर्ग कपिल अग्रवाल राजीव अग्रवाल अमित मार्बिल संजय चौधरी राकेश गर्ग बाँके बिहारी सोनी अरविंद विसावर हरीश गिलट विनय अंगूठी किशोर सर्राफ महावीर निबाड़ दीपक बाटी अनमोल बंसल सुनील द्वारकेश तुषार हाथी वाले अंकित बंसल कन्नू सर्राफ़ आदि ने शयन आरती की।
गिरिराज सेवा समिति के संस्थापक मुरारी अग्रवाल ने छप्पन भोग के विराट आयोजन की सफलता के लिए सभी सहयोगियों और ब्रजवासियों का आभार प्रकट किया है।