अनुज सिंघल
फरह। शहीद बबलू सिंह के स्मारक पर आर्मी का टैंक स्थापित किया जायेगा। 4 अक्टूबर को एक समारोह के दौरान उनके पैतृक निवास झण्डीपुर में बने स्मारक पर आर्मी के टी-55 टैंक को रखा जायेगा। टैंक को पूना से करीब 6 दिन पूर्व सडक मार्ग से लाया जा रहा है। राष्ट्र सेवा में अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले जनपद के लाल अमर शहीद बबलू सिंह (सेना मेडल) मूलरूप से जनपद मथुरा (उ.प्र.) स्थित फरह ब्लॉक के गांव- झंडीपुर के निवासी थे वर्ष 2005 में वह भारतीय सेना की जाट रेजीमेंट में सिपाही पद पर भर्ती हुए उसके बाद उन्हें 18 वीं जाट बटालियन में नियुक्त किया गया।
वर्ष 2016 में सिपाही बबलू सिंह की नियुक्ति जम्मू कश्मीर के आतंकवाद विरोधी अभियानों के दमन हेतु 61 राष्ट्रीय राइफल के साथ की गई।
29 व 30 जुलाई 2016 की मध्य रात्रि नौगांव सेक्टर में आतंकवादियों ने घाटी में घुसपैठ करने के दौरान उनसे लोहा लेते हुये करीब 6 घंटे तक चली मुठभेड़ में 4 आतंकवादी मारे गए व अन्य भाग गए। इस दौरान वो शहीद हो गये। उनकी इसी बहादुरी अदम्य साहस व कर्तव्य के प्रति निष्ठा को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें मरणोपरांत सेना मेडल से सम्मानित किया था।
शहीद बबलू सिंह के भाई हरिओम चौधरी ने बताया की गाँव मे भाई सहाब का शहीद स्मारक बनाया है जहां इनकी आदमकद प्रतिमा स्थापित है। स्मारक के पास ही उनके नाम से पार्क बना हुआ है उनके सम्मान में गांव के मुख्य मार्ग पर शहीद बबलू सिंह स्मृति द्वार बना हुआ है व राष्ट्रीय राजमार्ग- 19 से शहीद के पैतृक गांव तक जाने वाले संपर्क मार्ग का नाम भी शहीद के नाम से रखा गया है।
शहीद के परिवार ने सन 2019 में भारतीय सेना व भारत सरकार को ग्राम पंचायत- झंडीपुर के माध्यम से शहीद बबलू सिंह के पार्क में आर्मी का पुराना टैंक रखवाए जाने का अनुरोध किया जिसमें भारतीय सेना ने ग्राम पंचायत- झंडीपुर स्थित शहीद बबलू सिंह के परिवार से कार्यवाही हेतु आवश्यक दस्तावेज मांगे काफी कठिनाई आने के बावजूद भी परिवार ने हार नहीं मानी और निरंतर प्रयास के बाद भारत सरकार व भारतीय सेना ने शहीद बबलू सिंह के स्मारक पार्क में पुराना टी-55 टैंक रखवाने हेतु आधिकारिक आदेश दे दिये। टैंक के स्थापित होने से क्षेत्रीय नौजवानों को भी राष्ट्र सेवा हेतु भारतीय सेना में जाने के लिए प्रेरणा मिलेगी राष्ट्रभक्ति की एक नई लौ प्रज्वलित होगी इस प्रकार का यह पहला मामला है जो हमारे पूरे जनपद के लिए बेहद गौरव का विषय है।