मुंबई । महामारी के बीच पिछले एक साल में शेयर बाजारों में तेजी के बीच मिडकैप शेयरों ने इस दौरान लार्जकैप शेयरों से बेहतर प्रदर्शन किया है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज की रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले 12 महीनों में निफ्टी में 42 फीसदी की बढ़ोतरी के मुकाबले मिडकैप में 80 फीसदी की तेजी आई है। पिछले पांच साल में मिडकैप ने 6 फीसदी बेहतर प्रदर्शन किया है।
बुल्स एंड बियर्स (अगस्त 2021) इंडिया वैल्यूएशन हैंडबुक’ में कहा गया है, ‘पी ऑब्लिक ई (आय से कमाई) के लिहाज से निफ्टी मिडकैप 100 निफ्टी के मुकाबले 3 फीसदी प्रीमियम पर कारोबार कर रहा है।’
इसने यह भी नोट किया कि निफ्टी का मूल्यांकन अपने ऐतिहासिक औसत से ऊपर है।
इसमें कहा गया है, निफ्टी अपने एलपीए से 8 फीसदी प्रीमियम पर 20.5 गुना के 12 महीने के फॉरवर्ड पी ऑब्लिक ई पर ट्रेड करता है। पी ऑब्लिक बी, 3गुना पर, अपने ऐतिहासिक औसत से 19 फीसदी प्रीमियम पर है।
इसके अलावा, भारत का बाजार पूंजीकरण-से-जीडीपी अनुपात अस्थिर रहा है, जो मार्च 2020 में 56 प्रतिशत (वित्तीय वर्ष20 जीडीपी) को छू रहा है, जो वित्त वर्ष 19 में 79 प्रतिशत था।
यह वर्तमान में (वित्तीय वर्ष22ई जीडीपी) 104 प्रतिशत पर पहुंच गया है – जो इसके दीर्घकालिक औसत 79 प्रतिशत से ऊपर है।
निफ्टी 12 महीने के फॉरवर्ड रिटर्न ऑन इक्विटी (आरओई) पर 14.9 फीसदी के अपने दीर्घकालिक औसत से ऊपर कारोबार कर रहा है।
अमेरिका, इंडोनेशिया और भारत को छोड़कर, जुलाई 2021 में चीन, जापान, ब्राजील, कोरिया, ताइवान, रूस और यूके जैसे प्रमुख वैश्विक बाजारों और अन्य उभरते बाजारों में स्थानीय मुद्रा की ²ष्टि से गिरावट देखी गई।
भारतीय शेयर वित्त वर्ष 22 की आय के 21.7 गुना पर कारोबार कर रहे हैं। अमेरिका प्रीमियम पर एकमात्र बाजार व्यापार है, जबकि अन्य प्रमुख बाजार भारत के मुकाबले छूट पर व्यापार करना जारी रखते हैं।