इंसान अगर पृथ्वी पर अच्छे कर्म किए हैं तो बार-बार के जीवन से मुक्ति मिलती है और उसको मोक्ष की प्राप्ति होती है। पुराणों में कहा गया है कि मरने के बाद इंसान यदि स्वर्ग जाता है तो उसकी आत्मा को सभी सुख दिए जाते हैं। अगर कोई इंसान पृथ्वी पर रहते हुए बुरे कर्म किए हों तो उसे नर्क भेजा जाता है। और वहां पर उसके साथ उसके कर्म के हिसाब से यातनाएं मिल सकती हैं। इसलिए जीवन में इनसे दूर रहने का प्रयास करें।
कुंभीपाकः ऐसे व्यक्ति जो पशु-पक्षी को मारकर खाते हैं। उन्हें यमदूत तेल में उबालते हैं।
सारमेयादनः धन लूटने वाले, भ्रष्टाचारियों को नर्क में विचित्रप्राणी काट-काट कर खाते हैं।
रौरवः जो व्यक्ति किसी के प्रति हिंसा करते हैं, वे रुरु नामक भयंकर जीव बनकर रौरव नर्क में पीड़ा पाते हैं।
अयःपानः मदिरापान करने वाले लोगों को इस नर्क में भेजा जाता है, जहां मुंह में गर्म लोहे की सलाखों से छेद किया जाता है।
वैतरणीः यदि कोई धर्म का पालन नहीं करता है। तो उसकी आत्मा को रक्त, हड्डी, नख, चर्बी, मांस से भरी नदी में फेंक दिया जाता है।
तामिस्रः जो व्यक्ति दूसरों के धन, स्त्री और पुत्र का अपहरण करता है, उस दुरात्मा को तामिस्र नाम की यातना सहनी होती है। इसमें यमदूत उसेअनेक कष्ट देते हैं।
शाल्मलीः जो व्यक्ति व्यभिचार करता है, उसे शाल्मली नामक नरक में गिराकर उसकी आत्मा को लोहे के कांटों के बीच पीसा जाता है। इस तरह उसे अपने कर्मों का फल भोगना होता है।
तप्ससूर्मिः जो व्यक्ति किसी दूसरे की स्त्री के साथ समागम करता है, उसे तप्ससूर्मि यातना दी जाती है इसमें उसकी आत्मा को कोड़े से पीटकरगर्म लोहे के स्तंभों से आलिंगन करवाया जाता है।
सूचीमुखः सदा धन-संग्रह करते रहने और दूसरों की उन्नति से ईर्ष्या रखने वालों को इस नर्क में यमराज द्वारा भेजा जाता है। जहां ऐसे व्यक्तियों की आत्मा को सुई से वस्त्रों की तरह सिल देते हैं।