मथुरा। शनिवार शाही स्नान के बाद कुछ संतों ने यमुना में स्वच्छ जल न छोड़े जाने तथा यमुना महारानी में स्वच्छता न आने पर नाराजगी जताई है। प्रथम शाही स्नान के अवसर पर तीनों अनी अखाड़ों के महंतों की अगुवाई में शाही पेशवाई (शोभायात्रा) निकाली गई। जिसको देखने के लिए दूर से दूर लोग आए। जब संत महंत स्नान हेतु शाही घाट पहुंचे तो यमुनाजी का जल देखकर उनकी भृकुटि तन गई।
महामंडलेश्वर सत्य हरिदास महाराज ने कहा कि अगली शाही स्नान तक यमुना में शुद्ध जल का प्रवाह हो जाना चाहिए। अगर प्रशासन द्वारा अगले शाही स्नान तक इस स्थिति को नहीं सुधारा गया तो संतों को कोई बड़ा निर्णय लेना होगा। यमुना जी की स्थिति पहले जैसे ही है बिल्कुल मानो जैसे दलदल हो। वहीं निर्मोही अखाड़े के महामंडलेश्वर परमेश्वरी दास महाराज ने बताया कि प्रशासन बड़े-बड़े दावे कर रहा था लेकिन वह सब खोखले साबित हुए। यमुनाजी की स्थिति में बिल्कुल भी सुधार नहीं हुआ है। साधु संतों के साथ इस तरह के धोखे की उम्मीद प्रशासन से नहीं थी। अगर उनके हाथ में नहीं था तो उन्हें इस तरह का वादा नहीं करना था।
निर्वाणी अखाड़ा के महंत हेमकात शरण देवाचार्य महाराज ने बताया कि प्रशासन द्वारा सारी व्यवस्था ठीक है लेकिन यमुनाजी की स्थिति को लेकर जो वादा प्रशासन ने किया था वह पूरा नहीं किया। वहीं इस मामले में जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने बताया कि अगले शाही स्नान तक स्थिति सामान्य हो जाएगी प्रशासन द्वारा पूर्ण रूप से व्यवस्था की गई है, सभी क्षेत्रों में व्यवस्थाएं दुरूस्त है।
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