बैकप लेने से पहले अपना सारा डिजिटल डाटा जैसेः- ईमेल, डॉक्युमेन्ट्स, मीडिया फाइल्स, फोन, आदि। इन सबकी भी कैटेगरी बना लें जैसे महत्वपूर्ण और तुच्छ। महत्वपूर्ण में आप वो सब डाटा को स्टोर करें जिसके बिना आपका काम चल ही नहीं सकता है जैसे ईमेल, वेबसाइट, पेपरवर्क, फोटोग्राफ और डोक्युमेंटेशन। रिमोट लोकेशन पर सब कुछ सेव करें। अच्छा होगा अगर कम से कम दो लेयर में डाटा सेव करें वैसे तीन बेहतर रहेगा। तुच्छ डाटा को एक बार हार्ड डिस्क में सेव करना भी काफी होगा।
बैकप नियमित रूप से करते रहेः- जिस तादात से आप डाटा फीड करते हैं वही स्पीड बैकप की भी रखिये, यानी, हर हफ्ते, महीने या हर दिन का बैकप लेते रहे। डेट फिक्स करलें, एक कैलेंडर मेनटेन करें।
ऑनलाइन, ऑफलाइन और ऑफ साईट स्ट्रेटेजी अपनाएंः- हर तरह के बैकप ऑप्शंस ध्यान में रखें। बैकप ऑफलाइन होना चाहिए (जिससे उसे वायरस से बचाया जा सके), विभिन्न माध्यमों में होना चाहिए (हार्ड ड्राइव, एसडी कार्ड, क्लाउड), ऑफसाईट होना चाहिए (जिससे की उसे चोरी, आग, या अन्य तोड़-फोड़ से बचाया जा सके) और कई जगहों पर होना चाहिए (जिससे जरुरत पड़ने पर अगर बैकप खुल न सके तो दूसरी जगह से उसे लिया जा सके)।
ईमेल का बैकप लेंः- ईमेल का बैकप थंडर बर्ड, आउटलुक या एपल मेल की मदद से लें और किसी सुरक्षित जगह पर सेव करके रखें। यही प्रक्रिया आप कॉन्टेक्ट्स के साथ भी कर सकते हैं।
सावधानी बरतेंः- किसी भी तरह के फिजिकल डैमेज से अपने डाटा को बचाने के लिए अपनी बैकप डिस्क या हार्ड डिस्क को कूल, डार्क जगह पर रखें। उन पर डायरेक्ट सनलाइट न आये, मैग्नेट्स या अन्य प्रकार की इलेक्ट्रोमैग्नेटिक मशीन से दूर रखें। समय-समय पर इसे चेक करते हैं।